Medical Career: अब जापान में बनाए मेडिकल करियर, जाने क्या है फायदे, एलिजिबिलिटी, स्कोप और रहने का खर्च
आज कल के युवा डॉक्टर की फील्ड में काफी रुचि ले रहे है। भारत में इसकी खूब डिमांड है। लेकिन कई युवा ऐसे भी है जो विदेश में MBBS करने की सपना देखते है।

आज कल के युवा डॉक्टर की फील्ड में काफी रुचि ले रहे है। भारत में इसकी खूब डिमांड है। लेकिन कई युवा ऐसे भी है जो विदेश में MBBS करने की सपना देखते है। अगर आप भी इन में से एक है तो यह खबर आपके लिए है।
जापान है एक अच्छा ऑप्शन
अगर आप भी डॉक्टर बनने के लिए विदेश जाना चाहते है, तो जापान आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। अभी तक भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका, यूके, रूस या यूक्रेन जैसे देशों मेडिकल पढ़ाई का हॉटस्पॉट माने जाते थे, लेकिन अब तेजी से बदलते ट्रेंड को देख जापान अब मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए एक नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है।
क्यों है जापान की मेडिकल पढ़ाई खास (Why is Japan's medical education Special?)
जापान का एजुकेशन सिस्टम अपनी स्ट्रिक्टनेस और क्वालिटी के लिए जाना जाता है। यहां एमबीबीएस की पढ़ाई छह साल की होती है। जिसमें छात्रों को न केवल किताबों से ज्ञान मिलता है बल्कि क्लिनिकल ट्रेनिंग, रिसर्च और प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है। यही वजह है कि यहां से डिग्री लेने वाले डॉक्टरों की इंटरनेशनल लेवल पर बहुत डिमांड रहती है।
हाल ही में जापान में लगभग 80 विश्वविद्यालय और 82 मेडिकल संस्थान चिकित्सा शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। यह संख्या खुद बताती है कि जापान एशिया के बड़े मेडिकल हब्स में से एक बन चुका है।
क्या है फीस और एक्सपेंस (Fees and Expenses)
अब अगर जापान पढ़ने जाएंगे तो कई स्टूडेंट्स के मन में सवाल आता है कि जापान में पढ़ाई कितनी महंगी होगी। आपको बता दें कि यहां एमबीबीएस की पढ़ाई का शुल्क करीब 35 लाख येन से 48 लाख येन के बीच है जो भारतीय मुद्रा में लगभग 20 से 28 लाख रुपये सालाना होता है। अगर तुलना करें तो यह खर्च अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से काफी कम है। इतना ही नहीं यहां रहने और खाने का खर्च भी काफी अफोर्डेबल माना जाता है।
एडमिशन के लिए क्या है एलिजिबिलिटी (Eligibility for Admission)
जापान में एडमिशन लेने के लिए भारतीय स्टूडेंट्स को कुछ क्वालिफिकेशन पूरी करनी होती है
- सबसे पहले नीट एग्जाम क्लियर करना होता है।
- भाषा का ज्ञान भी जरुरी है।
- आगे कोई जापानी भाषा में पढ़ना चाहता है तो उसे JLPT N1 या N2 लेवल का सर्टिफिकेट देना होगा।
- वहीं, अगर कोई इंग्लिश में पढ़ना चाहता है तो उससे TOEFL या IELTS स्कोर मांगा जा सकता है।
- जापान में कुछ इंस्टिट्यूट ऐसे भी है जो अपना एंट्रेंस या इंटरव्यू करवाते है।
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
इंडियन स्टूडेंट्स को जापान के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए यह स्टेप्स फॉलो करने होंगे
- 12वीं में साइंस स्ट्रीम में अच्छे नंबर लाने होंगे ।
- भाषा दक्षता का प्रमाणपत्र हासिल करना होगा।
- अपने पसंदीदा विश्वविद्यालय का चयन करना होगा।
- ऑनलाइन अप्लाई करना होगा।
- यदि आवश्यकता हुई तो प्रवेश परीक्षा या इंटरव्यू में बैठना पढ़ सकता है।
- चयन होने के बाद छात्र को वीज़ा प्राप्त करना होगा।
कैरियर के अवसर (Career Opportunity)
- जापान से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को कई बड़े मौके मिलते है।
- स्टूडेंट जापान में मेडिकल लाइसेंस लेकर डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर सकते हैं।
- जापान की डिग्री को इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त है यानी आप अन्य देशों में भी काम कर सकते हैं।
- भारत में भी मेडिकल काउंसिल की मान्यता मिलने पर प्रैक्टिस करना संभव है।
भारतीय छात्रों के लिए फायदे (Benifits for Indian Students)
- भारतीय छात्रों के लिए जापान कई तरीकों से फायदेमंद है।
- यहां की वर्ल्ड क्लास एजुकेशन और रिसर्च फैसिलिटी डॉक्टर बनने के सपने को मजबूती करती हैं।
- एशिया के बेहतरीन इंस्टीटूट्स में पढ़ाई करने का मौका मिलता है।
- डिग्री की इंटरनेशनल लेवल मान्यता होने से विदेशों में करियर बनाने का मौका मिलता है।
- पश्चिमी देशों की तुलना में फीस और रहने का खर्च भी काफी कम है।