Independence Day 2025 : पूरे हुए आजाद के 78 साल, मनाया जाएगा 79वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न, जानिए क्या है थीम और परंपरा
भारत 15 अगस्त 2025 अपनी आजादी के 78 साल पूरे करेगा। देशवासी 79वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाएंगे।

Independence Day 2025: भारत 15 अगस्त 2025 अपनी आजादी के 78 साल पूरे करेगा। देशवासी 79वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाएंगे। इस अवसर पर हम अपने घरों, दफ्तरों, सार्वजनिक स्थल, स्कूल, कॉलेज और सरकारी भवनों आदि जगहों पर स्वतंत्रता का जश्न मनाया जाता है। आजादी के इस जश्न में गीत-संगीत, नाटक और भाषण आदि कार्यक्रम होते हैं।
संबोधन और ध्वजारोहण की परंपरा
इस दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते है। इसके बाद ध्वजारोहण किया जाता है। इस परंपरा का भी अपना ही एक इतिहास है। दिल्ली में मौजूद लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन होता है और उससे पहले ध्वजारोहण होना यह भारत की परंपरा है।
जब भारत को 15 अगस्त 1947 में स्वतंत्र घोषित किया गया था उस वक्त देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे। उस वक्त उन्होंने लाल किले से देशवासियों को संबोधित किया था और ध्वजारोहण किया था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
इस साल की थीम
इस बार के स्वतंत्रता दिवस की थीम का सरकार द्वारा ऐलान कर दिया गया है। सरकार की ओर से 13 अगस्त 2025 को बताया गया कि इस बार की थीम "नया भारत" होगी।
क्या है ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर?
भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इन दोनों खास दिनों पर तिरंगा फहराया जाता है। लेकिन झंडा फहराने और ध्वजारोहण की प्रक्रिया में फर्क होता है। सुनने में ये भले ही एक जैसे लग सकते हैं लेकिन इनका मतलब और तरीका अलग होता है। कई लोग ऐसे है जो इन्हें एक जैसा समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। इन दोनों के पीछे अलग परंपरा और ऐतिहासिक महत्व है।
ध्वजारोहण क्या होता है?
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के दिन प्रधानमंत्री लाल किले से ध्वजारोहण करते हैं। इसका मतलब है कि झंडा नीचे से ऊपर की ओर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है। यह परंपरा 1947 से शुरू हुई थी। आजादी के बाद पहली बार भारत का झंडा ब्रिटिश झंडे की जगह फहराया गया था।
झंडा फहराना क्या होता है?
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। इस दिन झंडा पहले से ही खंभे पर बंधा होता है और उसे सीधे फहराया जाता है। झंडा खुलते ही उसमें से फूलों की वर्षा होती है। यह प्रक्रिया कोई भी कर सकता है लेकिन मुख्य आयोजन में इसे राष्ट्रपति करते हैं।