मध्यप्रदेश में नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं, राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ दी मंजूरी
मध्यप्रदेश में अब महिलाएं रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी, हालांकि वे तभी काम कर पाएंगी जब वो इसके लिए सहज और सहमत होंगी।

मध्यप्रदेश में अब महिलाएं रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी, हालांकि वे तभी काम कर पाएंगी जब वो इसके लिए सहज और सहमत होंगी। जी हां राज्य सरकार ने नाइट शिफ्ट में महिलाओं के काम करने के लिए मंजूरी दे दी है। रात 9 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक महिलाएं शो रूम, मॉल और कारखानों में काम कर सकेंगी, लेकिन ये तभी मुमकिन होगा, जब महिला स्वयं लिखित सहमति पत्र देगी। महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। कुछ शर्तों के साथ ही महिलाएं रात में काम कर सकेंगी।
शर्तों के साथ दी अनुमति
राज्य सरकार ने महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी है। शो रूम, दुकान और कारखानों के मालिकों को नाइट शिफ्ट में काम के लिए कुछ इंतजाम करने होंगे।
राज्य सरकार ने महिलाओं को अब रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष शर्तें और सुरक्षा उपाय तय किए गए हैं। पहले, 26 जून 2016 को एक नियम हटाया गया था, जिसके तहत महिलाएं रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कारखानों या प्रोडक्शन यूनिट्स में काम नहीं कर सकती थीं। अब सरकार ने 'कारखाना अधिनियम' की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम की मंजूरी दी है, बशर्ते कि उनके लिए आवश्यक सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जाए।
मुख्य शर्तें और प्रावधान:
-महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेना अनिवार्य है कि वह रात में काम करने के लिए तैयार है।
-किसी भी महिला कर्मचारी को मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) से वंचित नहीं किया जा सकता।
-कंपनी को महिला कर्मचारियों के लिए रात में आने-जाने की गाड़ी उपलब्ध करानी होगी।
-कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए अलग शौचालय और विश्राम कक्ष की व्यवस्था होनी चाहिए।
-कार्यस्थल और उसके आस-पास पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए और CCTV कैमरे भी लगे होने चाहिए।
-कार्यस्थल का माहौल महिलाओं के लिए सुरक्षित और अनुकूल होना चाहिए, इसकी जिम्मेदारी कंपनी के मालिक की होगी।
-आने-जाने के रास्तों पर सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने चाहिए।
-लैंगिक उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए ‘कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम’ का पालन करना आवश्यक होगा।
-जिस स्थान पर महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम करेंगी, वहाँ कम से कम 10 महिलाएं होनी चाहिए।
-फैक्ट्रियों और प्रोडक्शन यूनिट्स में रात की शिफ्ट के दौरान सुपरवाइजरी स्टाफ में कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होनी चाहिए।
इस फैसले का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर देना है, साथ ही उनके लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित करना भी।