मध्यप्रदेश में फिर महंगाई की मार, अब स्टाम्प फीस को बढ़ाया गया
मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को भारतीय स्टांप (मप्र संशोधन) विधेयक 2025 पारित कर दिया गया, जिससे अब राज्य में संपत्ति की खरीद-बिक्री, शपथ-पत्र, किराया अनुबंध जैसी कानूनी प्रक्रियाओं पर लगने वाली स्टांप फीस 100% से 500% तक बढ़ा दी गई है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को भारतीय स्टांप (मप्र संशोधन) विधेयक 2025 पारित कर दिया गया, जिससे अब राज्य में संपत्ति की खरीद-बिक्री, शपथ-पत्र, किराया अनुबंध जैसी कानूनी प्रक्रियाओं पर लगने वाली स्टांप फीस 100% से 500% तक बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही विधानसभा का मानसून सत्र, जो 28 जुलाई को शुरू हुआ था और 8 अगस्त तक चलना था, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
क्या-क्या बदला गया?
दस्तावेज पुराना शुल्क नया शुल्क
एफिडेविट (शपथ पत्र) ₹50 ₹200
रेंट एग्रीमेंट ₹500 ₹1000
प्रॉपर्टी एग्रीमेंट ₹1000 ₹5000
शस्त्र लाइसेंस ₹5000 ₹10000
पॉवर ऑफ अटॉर्नी ₹1000 ₹5000
विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने इस विधेयक को "जनविरोधी" बताते हुए जोरदार विरोध किया।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जनता से सलाह लिए बिना शुल्क बढ़ा दिया गया है।
बाला बच्चन ने इसे "जेब खाली करने वाला विधेयक" बताया।
कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर नारेबाजी भी की।
सरकार का पक्ष
वित्तमंत्री और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि ये संशोधन 11 वर्षों बाद किए गए हैं और यह केवल 64 में से 12 बिंदुओं पर लागू होंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि SC, ST और OBC वर्गों के लिए एफिडेविट निःशुल्क रहेगा।
सरकार ने इसे सोच-समझकर लिया गया निर्णय बताया।