Raksha Bandhan 2025 Date : राखी कब है? शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Raksha Bandhan 2025 Date : रक्षाबंधन भारत का एक ऐसा त्यौहार है जिसका हर कोई बेसबरी से इंतजार करता है। हिंदू धर्म के अनुसार रक्षाबंधन का एक विशेष महत्व है।

Raksha Bandhan 2025 Date: रक्षाबंधन भारत का एक ऐसा त्यौहार है जिसका हर कोई बेसबरी से इंतजार करता है। हिंदू धर्म के अनुसार रक्षाबंधन का एक विशेष महत्व है। यह त्यौहार एक ऐसा दिन है जो सिर्फ भाई और बहन के लिए बना है। रक्षा बंधन जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है वो दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें रक्षा और बंधन शामिल है। संस्कृत में इसका मतलब बेहद ही खास है। रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और बंधन का अर्थ है बांधना जिसका मलतब 'रक्षा का बंधन' या 'गाँठ' होता है।
इस साल किस दिन मनाई जाएगी राखी (Raksha Bandhan 2025 Date)
साल 2025 में सावन पूर्णिमा के पर्व पर रक्षाबंधन के त्यौहार आ रहा है। भाई-बहन का यह दिन अगस्त महीने में आने वाला है। यह त्यौहार 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
भाई देता है खास वादा
राखी के इस पर्व पर एक भाई अपनी बहन से यह वादा करता है कि चाहें कुछ भी हो जाए, चाहें कोई भी परिस्थिति हो वह उसकी रक्षा करेगा। वही बहन अपने भाई के हाथों में राखी इस आशा से बांधती है उसका भाई सभी दुःख और परेशानियों से दूर रहे, सभी चीजों में सफतलात हासिल करे और अपनी जिंदगी में खूब तरक्की करे।
क्यों होता है रक्षाबंधन में लाल धागा का इस्तेमाल
राखी के अवसर पर ऐसे अक्सर देखा जाता है कि इस दिन बहने अपने भाई को लाल धागा या कलावा बांधती है। हिंदू इतिहास के मुताबिक, लाल धागा या कलावा इंसान कि जंदगी में समृद्धि और सौभाग्य लाता है। यह एक पवित्र रंग है। यह सभी बुरी और नकारात्मकता चीजों को दूर रखता है। इस त्यौहार के दिन राखी धागा का बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती आती है।
क्या है? रक्षाबंधन का इतिहास
अगर इतिहास के पन्नों को पलटकर देखे तो इस त्यौहार की शुरुआत 6 हजार साल पहले की गई थी। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में मौजूद है।
- रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला सबूत रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ का है। यह समय मध्यकालीन युग का है, जब राजपूतो और मुस्लिमों के बीच जंग चल रही थी। उस वक्त रानी कर्णावती चितौड़ के राजा की विधवा थी। यही वह समय था रानी कर्णावती ने अपनी प्रजा की सुरक्षा के लिए गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह को राखी भेजी थी। तब हुमायूँ ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था।
- दूसरा किस्सा सबसे मशहूर किस्सा है। यह किस्सा महाभारत का है जो की कृष्ण और द्रोपती के बीच का है। कृष्ण ने दुष्ट राजा शिशुपाल को मार गिराया था जिसकी वजह से उनकी छोटी अँगुली से खून निकल रहा था। इसे देख द्रोपदी बेहद दुखी हुई और अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर कृष्ण की अँगुली में बांध दिया जिससे खून आना बंद हो गया है।
यही समय था जब कृष्ण ने द्रोपदी को अपनी बहन के रुप में स्वीकार कर लिया था। सालों बाद जब पांडव जुए में द्रोपदी को हार गए थे तब कृष्ण ने ही द्रोपदी की रक्षा की थी।
राखी पर भद्रा होगी या नहीं?
इस साल रक्षाबंधन के अवसर पर भद्रा या भद्राकाल नहीं रहेगा। भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2:12 मिनट से 9 अगस्त को सुबह 1:52 मिनट पर रहेगा। इसलिए 9 अगस्त के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा।
राखी का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि राखी बांधने का सबसे अच्छा समय दोपहर का समय माना जाता है। अगर किसी वजह से राखी नहीं बांध पाए तो फिर प्रदोष काल के दौरान भी राखी बंधी जा सकती है। इस साल राखी का शुभ मुहूर्त सुबह 5:35 से दोपहर को 1:24 तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर को 12:00 बजे से 12:53 तक रहेगा। राखी बांधने का सबसे शुभ अवधि 7 बजकर 37 मिनट की है।
रक्षाबंधन की पूजा विधि
- रक्षाबंधन के पूर्व पर सबसे पहले भाई-बहन सुबह नहाकर भगवान की पूजा करे
- इसके बाद बहनें पूजा की थाली में रोली, चावल, कुमकुम, दीया और राखी रखें
- फिर अपने भाई के माथे पर तिलक लगाए और दाहिने हाथ में राखी बंधे और मिठाई खिलाए